जाँ-ब-लब ठहरी अब तो प्यारे मेरे गिला शिकवा << लड़ के जाता तो हम मना लेत... तेरे ग़म ने ही संभाला है द... >> जाँ-ब-लब ठहरी अब तो प्यारे मेरेतेरी इन निगाहों ने होश सँभाले मेरेहर शाम को होती हैं यही खवाहिशेंआ बैठोगे तुम दिल के किनारे मेरे! Share on: